बादशाह बाबर के स्ट्रगल ने उन्हे “मध्य एशिया का शहजादा (द प्रिंस ऑफ मिडिल एशिया)” बना दिया।
Emperor Babur's struggles made him "The Prince of Middle Asia". उनके पास कुछ भी नही था, वे "फर्गना" और "समरकंद" के बर्फीले रेगिस्तान से सब कुछ हार कर दक्षिण - पूर्व की ओर चल पड़े और आ काबुल धमके। वहां बैठकर "अल - हिंद के हालातों का जायजा ले लिया…