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अहिंसा परमो धर्म के मंत्र से जालना नगरी गूंज उठी Jalna city resonated with the mantra of ‘Ahimsa Param Dharma’

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*उत्साह के साथ मनाया गया भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव 
* सकल जैन समाज द्वारा विविध धार्मिक और सामाजिक उपक्रम संपन्न

जालना:  रविवार को, सकल जैन समाज द्वारा श्री भगवान महावीर के 2623 वें जन्मकल्याणक महोत्सव की शोभायात्रा जालना शहर में आयोजित की गई, जिसमें समाज के महिलाएं, पुरुष और बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए. जालना नगर में ‘अहिंसा परमो धर्म’ और ‘जियो और जीने दो’ के नारे गूंज उठे. इस शोभायात्रा में पांच हजार से अधिक समाज बंधुओं ने भाग लिया.

पूज्य मुनि श्री डॉ. पुलकितकुमारजी, पूज्य प्रशांतकवरजी और पूज्य दर्शनप्रभाजी के सानिध्य में विविध उपक्रम जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर चलाए जा रहे हैं. शनिवार को भगवान महावीर चौक से गुरु गणेश नगर तक निकाली गई  अहिंसा मोटरसाइकिल रैली में युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और अहिंसा का संदेश फैलाया. इसके बाद, देर शाम को बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम और चित्र प्रदर्शनी में नागरिकों का उत्साह देखने को मिला.

आज रविवार, 21 अप्रैल की सुबह 8:15 बजे, भगवान महावीर चौक पर संत-साध्वी के मांगलिक कार्यक्रम के पश्चात् ध्वजारोहण संपन्न हुआ, जिसके उपरांत शोभा यात्रा आरंभ हुई. संगीत, भजन और ताल मृदंग की ध्वनियों के बीच शोभायात्रा में अग्रणी थी भगवान महावीर की पालकी, रथ और इंद्रध्वज. यह शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए गुरु गणेश तपोधाम पहुंची.

शोभा यात्रा में शामिल पुरुषों ने सफेद कपड़े और महिलाओं ने लाल चुनरी पहनी थी. शोभायात्रा का विभिन्न स्थानों पर अन्य समाजों ने भी स्वागत किया. जगह-जगह पर पानी, शरबत, और छाछ की व्यवस्था की गई थी.
विधायक कैलाश गोरंट्याल, पूर्व राज्यमंत्री अर्जुन खोतकर, भास्करराव दानवे, संजय खोतकर, कल्याण काले आदि गणमान्य व्यक्तियों ने भी शोभा यात्रा में उपस्थिति दर्ज कराई और पालकी के दर्शन किए.

रविवार की दोपहर को शहर के गणेश भवन में एक भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें ६१ लोगों ने रक्तदान किया.

श्री भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के अनेक कार्यक्रमों में संजय लव्हाडे, सुदेश सकलेचा, अशोक बिनायकिया, माणिकचंद कासलीवाल, सुनील सेठिया, विजय जैन (श्रीश्रीमाल), महावीर रुणवाल, उत्तमचंद बनवट, मनोज मोदी, प्रमोद देसरडा, भरत गादिया, वीरेंद्र रूणवाल, नरेंद्र पहाड़े, कन्हैयालाल पाटणी, शैलेश बडजाते, राजेश पाटणी, मनोज गंगवाल, प्रेमचंद कासलीवाल, प्रवीण पहाड़े, शिखर लोहाडे, संतोष बडजाते, धर्मेंद्र धोका, जिनदास वायकोस, चैतन्य वायकोस, सुभाष वायकोस, नरेन्द्र बोरा, संजय मुथा, डॉ. धरमचंद गादिया, योगेश पाटणी, अजीत छाबड़ा, सुधीर पहाडे, विजय सावजी, कचरुलाल कुंकूलोल, प्रकाश सुराणा, गणेश काले, सुरेश अग्रवाल, स्वप्नील लव्हाडे, श्रीपाल मरलेचा, चेतन बोथरा, पंकज खिंवसरा, महेंद्र गादिया, आकाश बोथरा, अजय बोरा, रवींद्र संचेती, गौतम संचेती, आनंद बाफना, प्रीतम देसरडा, गौतम बेदमुथा, आदेश बाफना, राजेंद्र रुणवाल, प्रकाश गादिया, और एड अनिल संचेती समेत सकल जैन समाज के नागरिकों ने भाग लिया.

Jalna city resonated with the mantra of ‘Ahimsa Param Dharma’