• Home
  • जब पवार ने दानवे और टोपे को पटखनी दी थी!

जब पवार ने दानवे और टोपे को पटखनी दी थी!

anews Banner

When Pawar defeated Danve and Tope!

जालना: 1980 के लोकसभा चुनाव में, इंदिरा कांग्रेस के प्रत्याशी बालासाहेब पवार ने 1,73,519 वोट प्राप्त करके दानवे और टोपे को जोरदार पटखनी दी थी.  उस समय जालना जिले में उनके द्वारा किए गए बुनियादी कार्यों के लिए उनके जैसा नेतृत्व फिर कभी नहीं मिला।

वह वह समय था जब जालना में कांग्रेस का दबदबा था और बालासाहेब पवार की महाराष्ट्र की राजनीति में भी मजबूत पकड़ थी.वास्तव में, जालना में विकास की धारा बहाने वाले बालासाहेब पवार ही थे, जिनके कार्यकाल में जालना सहकारी शक्कर कारखाने सहित किसानों और आम जनता के हित से जुड़े अनेक मूलभूत कार्य संपन्न हुए. महाराष्ट्र की राजनीति में, विशेषकर मराठवाड़ा में, बालासाहेब पवार का जो प्रभाव था, उसे आज तक जालना का कोई अन्य नेता नहीं छू सका है. 

1980 के चुनाव में, बालासाहेब पवार के विरुद्ध खड़े जनता पार्टी के पुंडलिक दानवे को 66,393 वोट और कांग्रेस (यू.) के अंकुशराव टोपे को 57,149 वोट मिले थे.

रावसाहेब दानवे भले ही केंद्रीय राज्यमंत्री हों, लेकिन यह भी सच है कि उनकी राजनीतिक पकड़ केवल भोकरदन तक सीमित है. विरोधी उन पर भोकरदन के सांसद के रूप में भी टीका टिप्पणी करते है.  जालना, अंबड, घनसावंगी, मंठा, परतुर आदि क्षेत्रों में उनकी पकड़ नहीं के बराबर है. अंकुशराव टोपे भी अपनी राजनीतिक पहचान को घनसावंगी और अंबड से बाहर नहीं बढ़ा सके. उनके पुत्र विधायक राजेश टोपे का प्रभाव भी केवल घनसावंगी तक ही सीमित रह गया है. 

जबकि बालासाहेब पवार अपने समय में पूरे जालना जिले और मराठवाड़ा में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व थे, जिनके निर्णयों को नजरअंदाज करने की हिम्मत राज्य सरकार में भी नहीं थी. आज जालना को बालासाहेब पवार जैसे सक्रिय नेतृत्व की आवश्यकता है.

*  1980 के लोकसभा चुनाव में केवल दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था.

उस चुनाव में कुल सात उम्मीदवारों के बीच प्रतिस्पर्धा थी. मुख्य मुकाबला इंदिरा कांग्रेस के बालासाहेब पवार, जनता पार्टी के पुंडलिक दानवे, और कांग्रेस (यू) के अंकुशराव टोपे के बीच था.  इस चुनाव में जनता (एस) पार्टी के एसआर पटवारी को 14,093 वोट मिले, जबकि भारिप के ए जफर खान को 10,147 वोट प्राप्त हुए. दो निर्दलीय उम्मीदवारों में से जी.एस. शर्मा को 2,072 वोट मिले, वहीं एमडी राजपूत को 1,965 वोट मिले थे.


रावसाहेब दानवे और अब्दुल सत्तार ने एक-दूसरे को टोपी पहनाई।

*राजुरेश्वर के समक्ष, कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में एक-दूसरे को राजनीतिक मदद का वादा किया

जालना: राजनीति में स्थायी दुश्मन या मित्र कोई नहीं होता. पिछले लोकसभा चुनाव में दानवे को हराने तक टोपी नहीं उतारने की कसम खाने वाले अब्दुल सत्तार ने शनिवार को राजुरेश्वर के समक्ष और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में रावसाहेब दानवे के प्रचार के लिए नारियल फोड़ा. दोनों ने सभी को ऐसा महसूस करवाया की दोनों में कभी भी कोई रंजीश नही थी मानों एक दूसरे को घनिष्ठ मित्र की तरह टोपी पहना रहे है और चुनाव में मदद का वादा कर रहे हो. 

रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे और राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री अब्दुल सत्तार की राजनीतिक मित्रता प्रसिद्ध है। हालांकि, 2019 के चुनावों से पहले, उनकी दोस्ती दुश्मनी में बदल गई थी. उस वक्त, जालना के पूर्व राज्यमंत्री अर्जुन खोतकर ने जालना लोकसभा चुनाव में खड़े होने की घोषणा की थी और शिवसेना से टिकट की मांग भी की थी। तब अब्दुल सत्तार ने घोषणा की थी कि वे अर्जुन के बाण से दानवे का राजनीतिक वध करेंगे और जब तक उन्हें हरा नहीं देते, तब तक टोपी नहीं उतारेंगे.

सत्तार ने पहले शिवसेना में शामिल होकर बीजेपी उम्मीदवार रावसाहेब दानवे के प्रचार में सहायता की और उनकी जीत में योगदान दिया. हालांकि, बाद के विधानसभा चुनावों में, जब सत्तार सिल्लोड से खड़े हुए, तब सिल्लोड में बीजेपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सत्तार का साथ नही दिया.  बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार प्रभाकर पालोदकर को जिताने के लिए काम किया. इसके बावजूद अब्दुल सत्तार सिल्लोड से जीतने में सफल रहे. 

* सत्तार की कठोर भूमिका के बाद दानवे को नर्म रुख इख्तियार करना पड़ा 

इस बार अभी तक पूर्व राज्यमंत्री अर्जुन खोतकर रावसाहेब दानवे के प्रचार में कहीं पर भी नजर नहीं आ रहे है. ऐसे में सत्तार को मनाना दानवे के लिए बेहद जरुरी था. अब्दुल सत्तार का साफ कहना था कि लोकसभा में मुझसे काम करवाते हो लेकिन विधानसभा में भाजपा वाले मेरा साथ  नही देते. सत्तार के इस रुख से परेशान रावसाहेब को हरकत में आना पड़ा.

२६ अप्रैल को रावसाहेब दानवे ने सिल्लोड का दौरा कर वहां अपने कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उन्हें साफ शब्दों में समझाया कि हमें गठबंधन धर्म निभाना ही होगा.
इसके उपरांत २७ अप्रैल को राजूर में अब्दुल सत्तार ने रावसाहेब दानवे के प्रचार का नारियल फोड़ा तथा मदद का आश्वासन दिया. जिससे भोकरदन और सिल्लोड के भाजपा कार्यकर्ताओं में नया जोश नजर आ रहा है.